नई दिल्ली। भारत की पूर्णतः स्वदेशी 4जी टेक्नोलॉजी स्टैक अब लगभग 1 लाख बीएसएनएल टावरों पर सफलतापूर्वक स्थापित हो चुकी है और यह अब वैश्विक निर्यात के लिए तैयार है।
इंडिया नैरेटिव की रिपोर्ट के अनुसार, यह तकनीक भारत के लिए विदेशी मुद्रा अर्जन का एक नया स्रोत बन सकती है और देश के तकनीकी निर्यात पोर्टफोलियो को मजबूत करेगी। इस उपलब्धि के साथ भारत उन कुछ देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास संपूर्ण दूरसंचार स्टैक विकसित करने की क्षमता है।
यह सिस्टम सी-डॉट की कोर नेटवर्क टेक्नोलॉजी, तेजस नेटवर्क्स के रेडियो उपकरण और टीसीएस द्वारा किए गए सिस्टम इंटीग्रेशन पर आधारित है। इसे भविष्य में 5जी में अपग्रेड किया जा सकता है, जिससे भारत की डिजिटल संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों को मजबूती मिलेगी।
स्वदेशी 4जी स्टैक के संचालन से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार आया है, जिससे ब्रॉडबैंड कवरेज और डिजिटल समावेशन में वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पहल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो विदेशी तकनीक पर निर्भरता को कम कर देश को वैश्विक स्तर पर दूरसंचार क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी।
